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সিএসআইআর-কেন্দ্রীয় কাঁচ ও সেরামিক গবেষণা সংস্থা
सीएसआईआर-केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान
CSIR-Central Glass & Ceramic Research Institute
इंद्रनील मन्ना
इंद्रनील मन्ना
प्रो. इंद्रनील मन्ना ने 1 मार्च, 2010 से केंद्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान (सीजीसीआरआई) के निदेशक के रूप में पदभार संभाला। 22 जनवरी, 1961 को जन्मे, प्रो. मन्ना ने 1983 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के (बी.ई.कॉलेज) से बी.ई. की डिग्री प्राप्त की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर से 1984 में एम. टेक डिग्री प्राप्त किया। मिश्रा धातू निगम, हैदराबाद में संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, वे सन् 1985 में आईआईटी, खड़गपुर में व्याख्याता के रूप में शामिल हुए और 2003 में प्रोफेसर के पद पर पहुंचे। निदेशक के रूप में सीजीसीआरआई में कार्यभार ग्रहण करने तक उन्होंने इस पद पर काम किया।
प्रो. मन्ना एक धातुकर्म इंजीनियर, एक प्रख्यात शिक्षाविशरद और एक प्रॉलिफिक शोधकर्ता हैं। अनाकार/नैनोक्रिस्टलाइन अल्यूमिना-मिश्र धातुओं, नैनो-द्रव और लेजर/प्लाज्मा असिस्टेड सर्फेस इंजीनियरिंग के अध्ययन में उनके महत्वपूर्ण योगदान द्वारा वैज्ञानिक समुदाय को बहुत प्रेरित किया। चलती सीमा परिवर्तन (moving boundary phase transformation) में उनके प्रारंभिक योगदान को अभी भी व्यापक रूप से उद्धृत किया जाता है। एक शिक्षक के रूप में, प्रो. मन्ना ने कई नए पाठ्यक्रम विकसित किए हैं जैसे चरण परिवर्तन, सामग्री इंजीनियरिंग, सतह इंजीनियरिंग, थर्मोडायनामिक्स और एक्स-रे विवर्तन संबंधित विषयों को पढ़ाया है। संश्लेषण/नैनो-सामग्री के अनुप्रयोग, सतह कोटिंग/इंजीनियरिंग, चरण संक्रमण, फ्यूअल सेल, सेंसर, बैनेटिक स्टील और गणितीय मॉडलिंग सहित इंजीनियरिंग सामग्री में संरचना-गुण सहसंबंध आदि विषय से उनका शोधकार्य जुड़ा हुआ है ।
प्रो. मन्ना ने विदेशों में कई विश्वविद्यालयों तथा कई संस्थानों में अतिथि वैज्ञानिक के रूप में काम किया जैसे कि मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ स्टटगार्ट, टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्लास्टल, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, लिवरपूल यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ़ उल्म आदि।
प्रो. मन्ना युवा वैज्ञानिकों के लिए INSA सम्मान प्राप्त किया युवा धातु विज्ञानी और वर्ष के धातु विज्ञानी पुरस्कारों, एमआरएसआई पदक, एआईसीटीई कैरियर पुरस्कार, डीएएडी और प्रतिष्ठित हम्बोल्ट फैलोशिप प्राप्त किया। उन्होंने वर्ष 1999 और 2003, वर्ष के लिए क्रमशः एक्टा Materialia बेस्ट रेफरी पुरस्कार प्राप्त हुआ। जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सेवा (डीएएडी), बॉन ने प्रो. मन्ना को तीन साल के लिए भारत में मानद डीएएडी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया, INAE ने उन्हें इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग-ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (INAE-AICTE) के वर्ष 2007 के लिए प्रतिष्ठित उद्योग प्रोफेसरशिप के लिए चुना। ताकि 2007-08 के दौरान टाटा स्टील के साथ कार्य कर सकें। और भारतीय धातु संस्थान (IIM) ने वर्ष 2008 के लिए उन्हें GD बिड़ला गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
उन्होंने करीब 225 पीयर रिव्यूड समीक्षा पत्र प्रकाशित किए, 14 पीएचडी, 35 एम टेक और 50 बी.टेक शोध छात्रों का मार्गदर्शन किया। 16 करोड़ लागत की 32 प्रायोजित परियोजनाओं में काम किया तथा अनाकार AlCuTi मिश्र धातु पर एक पेटेंट भी प्राप्त किया।
प्रो. मन्ना इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ़ इंजीनियरिंग, नई दिल्ली के फेलो (FNAE) हैं; द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ इंडिया, इलाहाबाद के फेलो (FNASc); और इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज, (FASc) बैंगलोर के भी फैलो हैं।
प्रो. मन्ना 3-7 जनवरी, 2010 के दौरान त्रिवेंद्रम में आयोजित 97वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के पदार्थ विज्ञान भाग के अध्यक्ष थे। आईएनएई ने हाल ही में उन्हें दो वर्षों के लिए प्रतिष्ठित “आईएनएई चेयर” से सम्मानित किया है। आज की तारीख में, वे इस प्रतिष्ठित कुर्सी के तृतीय अधिकारी हैं।
Last Updated on March 17, 2021