सीएसआईआर-केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान

CSIR-Central Glass & Ceramic Research Institute

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সিএসআইআর-কেন্দ্রীয় কাঁচ ও সেরামিক গবেষণা সংস্থা

सीएसआईआर-केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान

CSIR-Central Glass & Ceramic Research Institute

सच्चिदानंद कुमार

सच्चिदानंद कुमार

विशेषज्ञ: काँच प्रौद्योगविज्ञ

जन्म: 15 अगस्त, 1928

शिक्षा: पीएचडी; डी. एससी (प्रौद्यो), सेफील्ड विश्वविद्यालय, संयुक्त राष्ट्र।

कैरियर: केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान में सीनियर साइंटिफिक असिसटंट (SSA), के पद पर वर्ष 1953 में कार्य ग्रहण किया। निदेशक, भारत ऑप्थेल्मिक ग्लास लिमिटेड, दुर्गापुर, 1981; निदेशक, सीजीसीआरआई, कोलकाता, 1981.

फेलो: फाउंडेशन फेलो और मानद सचिव, इंडियन नेशनल साइंस अकादमी, 1978-81; अध्यक्ष, इंडियन सिरामिक सोसायटी, 1982-83; इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव सिरामिक्स। अध्यक्ष, वर्ष 1986 में काँच पर चौदहवां अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में।

पुरस्कार और सम्मान: भारत में सिरामिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर महत्वपूर्ण योगदान के लिए इंडियन सिरामिक सोसायटी द्वारा पुरस्कृत। डॉ. कुमार के कार्यकाल में सिरामिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य आरम्भ किया गया एवं ग्रामीण प्रौद्योगिकियों पर भी सराहनीय कार्य किया गया।

महत्वपूर्ण योगदान काँच एवं सिरामिकी प्रौद्योगिकी विषय पर कई वैज्ञानिक पुस्तकों का प्रकाशन किया एवं 70 (सत्तर) शोध पत्रों एवं अनेक समीक्षात्मक लेख तथा 12 पेटेंट दायर किया। डॉ. कुमार के मार्गदर्शन में दो डॉक्युमेंटरी फिल्म का निर्माण किया गया नामतः ‘द स्टोरी ऑव ग्लास (1986) एवं ट्रेडिशन एण्ड इनोवेशन (1988)।

वर्ष 1987 में 34 वें राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में ‘द स्टोरी ऑव ग्लास’ को सर्वोत्तम औद्योगिक डॉक्युमेंटरी फिल्म घोषित किया गया एवं रजत कमल सम्मान प्राप्त किया। डॉ. कुमार ने स्टोरी ऑव ग्लास, हैण्ड बुक ऑव सिरामिक्स, (खण्ड-I-IV), एलिमेंट्स ऑव सिरामिक साइंस (खण्ड-I एवं II) का संपादन किया।

Last Updated on February 26, 2021