English | हिन्दी
সিএসআইআর-কেন্দ্রীয় কাঁচ ও সেরামিক গবেষণা সংস্থা
सीएसआईआर-केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान
CSIR-Central Glass & Ceramic Research Institute
Director
संदेश
प्रो. बिक्रमजीत बसु , FNA FNAE FNASc FASc FAMS
निदेशक, सीएसआईआर-सीजीसीआरआई
निदेशक का बायोस्केच
प्रो. बिक्रमजीत बसु ने दिनांक 08 नवंबर 2024 को सीएसआईआर-केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान के निदेशक का पदभार ग्रहण किया। इससे पूर्व ये मई 2011 से भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलुरु के मैटेरियल्स रिसर्च सेंटर में प्रोफेसर थे और ऊर्जा अनुसंधान के लिए अंतःविषय केंद्र में एसोसिएट फैकल्टी के पद पर कार्यरत थे।
एनआईटी दुर्गापुर और आईआईएससी से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में क्रमशः स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात इन्होंने मार्च 2001 में बेल्जियम के कैथोलीके विश्वविद्यालय, ल्यूवेन से इंजीनियरिंग सिरामिक के क्षेत्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा में एक संक्षिप्त पोस्ट-डॉक्टरल कार्यकाल के पश्चात इन्होंने 2001 से 2011 के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में संकाय सदस्य के रूप में कार्य किया। इन्होंने अक्षय ऊर्जा और पुनर्योजी से संबंधित कई अनुत्तरित प्रश्नों के समाधान हेतु सिरामिक विज्ञान, बायोमटेरियल, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (लेजर/इलेक्ट्रॉन बीम/एक्सट्रूज़न-आधारित 3डी प्रिंटिंग), जैविक विज्ञान और चिकित्सा के संगम पर अनुसंधान किया है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में इनके शोध समूह ने मस्कुलोस्केलेटल, डेंटल और न्यूरोसर्जिकल अनुप्रयोगों के लिए अपूर्ण नैदानिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अगली पीढ़ी के प्रत्यारोपण और बायोइंजीनियरिंग समाधान विकसित करने के लिए इन विषयों के सिद्धांतों और साधनों को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिससे मानव स्वास्थ्य सेवा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इनके शोध समूह ने बायोसिरामिक्स, एसिटाबुलर लाइनर्स, क्रेनियोप्लास्टी सर्जरी के लिए अनुकूलित बोन फ्लैप्स, डेंटल इम्प्लांट्स और 3डी बायोप्रिंटेबल हाइड्रोजेल के वेरिएंट के निर्माण से संबंधित तकनीकों का विकास किया है। इन प्रौद्योगिकियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों या स्टार्ट-अप्स को हस्तांतरित कर दिया जाता है और नियामक मंजूरी के पश्चात इनमें से कई उत्पाद वर्तमान में भारत में रोगी देखभाल के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। इनके 250 से अधिक सहकर्मी-समीक्षित शोध लेखों को 73 के एच-इंडेक्स (गूगल स्कालर) सहित 19,000 से अधिक बार उद्धृत किया गया है। इन्होंने बायोमटेरियल और इम्प्लांट्स पर नीति से संबंधित 5 पाठ्यपुस्तकों, दो संदर्भ पुस्तकों और एक शोध मोनोग्राफ का सह-लेखन किया है। ये यूके के चार्टर्ड इंजीनियर हैं और इन्हें भारत का एकमात्र सिरामिक वैज्ञानिक होने का अनूठा गौरव प्राप्त है जिन्हें वर्ल्ड एकेडमी ऑफ सेरामिक्स (2024), यूरोपीय सिरामिक सोसाइटी (2023), अमेरिकन सिरामिक सोसाइटी (2019) सहित सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सिरामिक सोसायटियों और अकादमियों में निर्वाचित किया गया। वे भारत में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (2021), भारतीय विज्ञान अकादमी (2020), राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (2017) तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सोसाइटीज फॉर बायोमटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग (2020), इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल एंड बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग (2017) और अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग (2015) के निर्वाचित फेलो हैं। इन्हें भारत के प्रधानमंत्री द्वारा देश के सबसे प्रतिष्ठित विज्ञान और प्रौद्योगिकी पुरस्कार ‘शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार’ (2013) तथा अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट फाउंडेशन (2022) द्वारा हम्बोल्ट रिसर्च अवार्ड एवं यूरोपीय सिरामिक सोसाइटी (2022) से अंतर्राष्ट्रीय रिचर्ड ब्रुक पुरस्कार जैसे विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। ये वर्तमान में कई राष्ट्रीय संस्थानों, यूरोपीय विश्वविद्यालयों और संघीय वित्त पोषण एजेंसियों के साथ-साथ प्रमुख बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेट्स के सलाहकार पैनलों में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।
निदेशक के सचिवालय
डॉ सुनिर्मल जाना
Chief Scientist and
Staff Officer and In-charge, Director’s Cell
Mr. Abhradeep Sarkar
Junior Stenographer
Email: abhradeep@cgcri.res.in
Ms. Rajeswari Ghosh
Junior Stenographer
Email: rghosh@cgcri.res.in
Ph: +91 33 24735829/24839241/23223001 /23223380 (Secretariat)
Fax: +91 33 24730957
E-mail: dir_office@cgcri.res.in; director@cgcri.res.in
संपर्क करें
पूर्व के निदेशकगण
Last Updated on November 21, 2024